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अर्थ:- परोक्ष प्रमाण पूर्ण हुआ और इस कारण प्रमाण पदार्थ का निरूपण समाप्त हुआ ।
विवेचना:- प्रत्यक्ष और परोक्ष मेव से प्रमाण दो प्रकार का है, इस प्रकार का निर्देश आरंभ में किया था। मेद के साथ प्रत्यक्ष और परोक्ष का निरूपण हो चुका है अतः प्रमाण पदार्थ का निरूपण समाप्त हुआ ।
इति महामहोपाध्याय श्री कल्याणविजय शिष्य मुख्य पण्डित श्रींलाभविजय गणि शिष्यावतंसपण्डित श्री जीतविजय गणि सतीर्थ्य पण्डित श्री नयविजय गणि शिष्येण पण्डित श्री पद्मविजय गणि सहोदरेण पण्डित यशोविजय गणिना कृतायां जनतर्कभाषायां प्रमाणपरिच्छेदः
* सम्पूर्णः
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महामहोपाध्याय श्रीकल्याणविजयजी के शिष्य मुख्य पण्डित श्रीलाभविजय गणि है । उनके शिष्यों में अलंकार रूप पण्डित भी जीतविजय गणि हैं । उनके सहाध्यायी पण्डित श्रीनयविजयजी गणि हैं । उनके शिष्य पण्डित श्री पद्मविजय गणि के सहोदर पण्डित यशोविजय गणि के द्वारा रचित जैन तर्क भाषा में प्रमाण परिच्छेद
॥ समाप्त हुआ ।
* इति प्रमाण परिच्छेदः