Book Title: Jain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
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जै० सा० इ०-पूर्व पीठिका बिन्दुसारके १०० पुत्र थे। उनमें अशोक बड़ा तेजस्वी और बलवान था । उसने अपने ६६ भाईयोंको मारकर सकल जम्बूद्वीप में राज्य किया। बुद्ध निर्वाण और अशोकके अभिषेक काल के बीच में २१८ वर्षकार अन्तर है।
अतः महावंशके अनुसार बुद्ध निर्वाणसे २४ + १६+ c+ २४ + १८+२८+ २२+२२ = १:२ वर्ष के पश्चात् चन्द्रगुप्त हुआ । चूकि बुद्धका निर्वाण ई० पूर्व ५४४ में हुआ और महाबीरका निर्वाण ई० पूर्व ५२७ में हुआ। अतः १७ वर्षका अन्तर होनेसे बौद्धकाल गणनाके अनुसार महाबीरके निर्वाणसे १६२ - ११७ = ४५ वर्ष पश्चात् चन्द्रगुप्त राजा हुआ। ___ बौद्ध ग्रन्थोंमें अजातशत्रुका राज्यकाल ३२ वर्ष लिखा है और चूँकि अजातशत्रुके राज्यके आठवें वर्ष में बुद्धका परिनिर्वाण हुआ अतः उक्त कालगणनामें अजातशत्रुके राज्यकालके २४ वर्ष ही गिनाये गये हैं। अन्यथा अजातशत्रुके राज्यारम्भसे लेकर चन्द्रगुप्त के राज्याभिषेक तक १७०वर्ष होते हैं । इन १७०वर्षों में नवनन्दोंका राज्यकाल केवल २२ वर्ष बतलाया है। .
२-श्री जायसवालने इस बौद्धकाल गणनाको गलत ठहराकर बुद्ध निर्वाण और चन्द्रगुप्त के राज्याभिषेकके बीचमें २१८ वर्षका अन्तर बतलाया है । बुद्धका निर्वाण अजात शत्रुके राज्यके आठवें वर्षमें हश्रा अतः अजातशत्रुसे चन्द्रगुप्त के राज्याभिषेक तक का काल ३५+३५+३३+४+४३+२८+१२ % २२६ वर्ष होता है इसमें एक वर्ष अधिक है अतः २२६ – १ = २२५ हुए। इसमें अजातशत्रु के राज्य के ७ वर्ष कम कर देनेसे २१८ वर्ष शेष रहते हैं । (ज० वि० उ. रि० सो, जि० १, पृ.६५)
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