Book Title: Jain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 774
________________ ( ३७ ) हि० इ० लि० (विन्टर०) हिस्ट्री श्राफ इंडियन डा० विंटर नीट्स लिखित लिटरेचर हि. ध० हिस्ट्री ऑफ धर्मशास्त्राज् पी० वी० काणे हि० ध० स० हिन्दू धर्म समीक्षा हिन्दी ग्रंथ रत्नाकर वम्बई हि० प्री० इ० वालिस हि० प्री० इ० फि० हिस्ट्री श्राफ प्री बुद्धि- डा० वरुपा स्टिक इंडियन फिला सोफी हि० फि० ई० वे० हिस्ट्री श्राफ फिलासोफी डा० राधाकृष्णन् ईस्टर्न एण्ड वैस्टर्न हि० ब्रा० एसे० हिस्ट्री श्राफ ब्राह्मणिकल पूना ओरियन्टल सिरीज एसेस्टिकसिज्म नं. ६४, १६३६ हि० स० हिन्दू सभ्यता डा० राधा कुमुद मुकर्जी लिखित हिस्ट्री श्राफ इन्डियन डा० सतीशचन्द विद्यालाँजिक भूषण हे० टी० हेतुविन्दु टीका गायकवाड़ अोरियन्टल सिरीज बड़ौदा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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