Book Title: Jain Sahitya ka Itihas Purv Pithika
Author(s): Kailashchandra Shastri
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
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ज० रा० ए० सो०
ज० वि० उ०रि० सो०
जै० ना० इ०
जै० शि० सं०
जै० सा० इ०
जै० सा० इ० गु०
जै०. सि० भा०
जै० सा० वि०
जै० सा० स०
जै० हि०
ज्योति० टी० ज्योतिर्विदाभरण
तत्वार्थ ०
त० भा० टि
ति० प० त्रि० प०
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( २८ )
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