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· असत् का प्रत्यक्ष असम्भव [४७ प्रत्यक्ष कैसे होगा । असत् का प्रत्यक्ष असम्भव होने से केवलज्ञान भूत भविष्य के पदार्थों को कैसे जानेगा ?
दूसरी बात यह है कि पदार्थ परम्परा से कारण हो या साक्षात् कारण हो उसके बिना प्रत्यक्ष नहीं होता यह अनुभवसिद्ध बात है इसलिये भूत भविष्य के-असत्-पदार्थों का प्रत्यक्ष असम्भव है।
प्रश्न-भूत और भविष्य पदार्थों का परोक्ष तो होता ही है और प्रत्यक्ष तो परोक्ष से भी ज्यादा प्रबल है ऐसी अवस्था में यह कैसे कहा जा जाकता है कि जिसको परोक्ष जान सकता है या जानता है उसको प्रत्यक्ष न जानसके या ऐसा करना उसकी शक्ति के बाहर हो।
उत्तर-प्रबलता बात दूसरी है और विस्तीर्णता दूसरी । लोहा हवा से प्रबल हो सकता है पर हवा के बरावर विस्तीर्ण नहीं । परोक्ष की अपेक्षा प्रत्यक्ष का विषय बहुत थोड़ा है । हर एक प्रत्यक्ष का विषय संस्कार पाकर स्मृतिका विषय हो सकता है पर प्रत्यभिज्ञान का संकलन प्रत्यक्ष के विषय के बाहर है ।
__ प्रत्यक्ष परोक्ष से प्रबल है यह एक बड़ा कारण है कि वह स्वल्प है दुर्लभ है । इसका हमें अनुभव होता है । परमाणु का अनुमान कोई भी कर सकता है पर प्रत्यक्ष कौन कर सकता है ? . प्रत्यक्ष जब ज्ञानान्तरों से मिश्रित हो जाता है तब परोक्ष बन जाता है। ज्ञानान्तरों के मिश्रण से उसका क्षेत्र बढ़ जाता है। जैसे नदी उद्गमके स्थान. में स्वच्छ किन्तु छोटी रहती है उसी तरह ज्ञान प्रत्यक्षरूप उद्गम स्थान में स्वच्छ किन्तु छोटा है। आगे चलकर जब