________________
मानव-जीवन के आनन्द-दायक मर्म को मौलिक-रूप से समझानेवाला
सत्यभक्त-साहित्य कर्तव्याकर्तव्य-निर्णय के समय पैदा होने वाले द्वन्द को शान्त करने के लिये एक असंदिग्ध, स्पष्ट और ठोस सन्देश देता है। नीचे लिखी हुई सूची ध्यानपूर्वक पढ़कर जल्दी से जल्दी ये पुस्तकें मँगवाइये इन्हें पारायण कर लेने के बाद आपको हरएक धर्म का सत्य रूप पूरी तरह से समझ में आ जायगा :
(१) सत्यसंदेश [ मासिक पत्र ] वा. मू. ३)
हिन्दू, मुसलमान, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी आदि सभी समाजा में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का सन्देश देनेवाला, शांतिप्रद क्रांतिका बिगुल बजानेवाला, मौलिक और गम्भीर लेख, रसपूर्ण कविताएँ, कलापूर्ण कहानियाँ, सामयिक टिप्पणियाँ और समाचार आदि से भरपूर, नमूना ।)
(२) कृष्ण-गीता-: पृष्ठ १५० मूल्य ॥)
विविध दर्शनोंके जंजाल में फंसे हुए अर्जुनके बहाने से संसार को विशुद्ध कर्तव्य का सन्देश देने में इस ग्रन्थ के लेखक अपने युग को देखते हुए आचार्य्य व्यासदेव से भी अधिक सफल कहे जा सकते हैं । श्रीमद्भगवद्गीता के एक भी श्लोक का अनुवाद न होने पर भी यह ग्रन्थ पूर्णरूप से सु-संगत और समयोपयागी है।