________________
प्राकृत साहित्य का इतिहास खींचकर ले जाने का निषेध है। नाव में रस्सी आदि बाँधकर खींचने और उसे खेने का निषेध है। नाव के छिद्र में से पानी आता देखकर उसे हस्त, पाद अथवा कुशपत्र आदि से ढंकने का निषेध है। वस्त्र को खरीदकर पहनने आदि का निषेध है। दुरभिगंध वस्त्र को शीत जल आदि से प्रक्षालन आदि करने का निषेध है। वस्त्र द्वारा पृथिवीकाय आदि जीवों को हटाने का निषेध है। ___ उन्नीसवें उद्देशक में ४० सूत्र हैं जिन पर ६०२८-६२७१भाष्य की गाथाएं हैं । मद्य (वियड) को खरीद कर पान करने का निषेध है। मद्य साथ लेकर गाँव-गाँव में विहार करने का निषेध है। संध्या समय स्वाध्याय करने का निषेध (भाष्यकार के कथनानुसार संध्या के समय गुह्यक' देव-विचरण करते रहते हैं। इसलिये उनसे ठगे जाने की संभावना है) है। यहाँ कालिक श्रुत के तीन और दृष्टिवाद के सात प्रश्न पूछे जाने का उल्लेख है (भाष्यकार के अनुसार नयवाद, गणित और अष्टांगनिमित्त को लेकर सात प्रश्नों का कथन किया गया है)। इन्द्रमह, स्कंदमह, यक्षमह और भूतमह नामक चार महामहों के अवसर पर स्वाध्याय का निषेध है। अयोग्य सूत्र का पाठ करने और योग्य के पाठ न करने का निषेध है।
बीसवें उद्देशक में ५३ सूत्र हैं जिन पर ६२७२-६७०३ गाथाओं का भाष्य है । इस सूत्रों में प्रथम २० सूत्र व्यवहारसूत्र से मिलते हैं। यहाँ प्रायश्चित्त आदि का वर्णन है। शालिभद्रसूरि के शिष्य श्रीचन्द्रसूरि ने इस उद्देशक की सुबोधा नाम की व्याख्या
की है।
___ महानिसीह ( महानिशीथ) छेदसूत्रों में महानिशीथ को कभी दूसरा और कभी छठा १. गुह्यक के लिये देखिये हॉपकिन्स, इपिक माइथोलोजी, पृष्ठ १४७
इत्यादि।