Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 805
________________ ७९८ प्राकृत साहित्य का इतिहास उज्झिय ९५ उत्तर-प्रत्युत्तर ३६० उज्जुवालिया १५६ उत्तरबलिस्सह ६१ उज्जैनी ( उज्जयिनी) १०१, ११८, उत्तर बिहार १६५ (नोट) २२६, २२७, २४४, २४५, २७० उत्तरपुराण २७३ (नोट) ३७३, ४२२, ४४६, ४५६, उत्तराफाल्गुनी ११५ ४५७, ४६४, ४७३, ४८०, ५४५, उत्तराध्ययनसूत्रवृहद्वृत्ति १९८ उत्तराध्ययनवृसि ५२२ उट्ठिय उपक ५१४ उत्तराध्ययनभाष्य २३० उंडा ३७२ (नोट) उत्तराध्ययननियुकि २०३ उड्डाह २१३ उत्तरापथ २१५, २२२, २५०, ४१७, उड्डियायण (देश)४४९ उड्डी (लिपि) ४९६ उत्तराध्ययनचूर्णी २४७ उत्कल ६६५ उत्तरदेश की नारी २६३ उस्कालिक ३४ (नोट), ४, ५०४, उत्तर प्रदेश ३५३ १८६, १९०, २०७ उत्तानमल्लकाकार २२२ उत्पला ९६ उत्तानखंडमब्लक २२२ उत्सव ११२, २४६, ४२२ उदंबर १३९ उत्सर्पिणी ११६ उदक २०२ उत्सूत्रखंडन ३३३ उदयन (राजा)६५, ७२,५६६ उत्पात ६३ उदयप्रभ ४९१ उत्पाद २७२ उदयगिरि ६८१ उत्पादपूर्व ३५ (नोट), १०३ उदयसिंहसूरि ३४१ उत्थान श्रुत (उढाणसुय) १५३, १९० उदय सौभाग्यगणि ६४३ उत्तम पुरुष (चौवन)६४ उदान (अट्ठकथा) २६८ उत्तमर्षि ४३९ (नोट) उदायन (उद्रायण) ७३, ३४१ उत्तम श्रुत १३३, २४६ उदायन (ऋषि)२०७ उत्तरंग २२३, ५४५ उदायी २५१ उत्तरगुण २३१ उदायी हस्ती७४ उत्तररामचरित ६२३ उदाहरण ३५४, ३६० उत्तरज्झयण (उत्तराध्ययन) ३३ उद्देह ६१ (नोट), ३४ (नोट), ३५, उधान ११२, २६० ४१, ४३, ६४, १६३, १७५, १९४, उद्योतनसूरि १३, ३६० (नोट), ३६२, १९६, १९७, २०३, २६१,२७१, ३७७, ३९४, ४१६, ४१७, ५२६, ३०७, ३२३, ३२५, ३५२, ३५७, ५३५, ६८८ ३६०,३७५, ५२७, ५४१ उपकथा ३६० उत्तरप्रतिपत्ति २७५,२७६ उपकोशा ४६८ (नोट)

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