Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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नैपुणिक २३०
अनुक्रमणिका
८२९ (नोट), १०४ (नोट), १३३, नेमिचन्द्रसूरि (प्रवचनसारोद्धार के १३४, १३५, १४७, १४९, १५०, कर्ता) ३३० १५१, १५७, १९०, १९६, १९७, नेमिचरित्रस्तव ५७२ २११,३०७
नेमिनाथ (अरिष्टनेमि) ६३, १५६, निसीहविसेसचुण्णि (निशीथविशेष- २९५, ५०६, ५०८, ५०९, ५६५, चूर्णी-निशीथचूगी) १९१ (नोट),
६५२ २१० (नोट), २३९, ३४२, ३७६,
नेमिनाहचरिय (नेमिनाथचरित) ३८१, ४१२ (नोट), ४५६, ६७३,
५२६,५६९ ६७५, ६७८
नेमिप्रव्रज्या १६४ . निषाद २००
नेलक (सिक्का) १३८, २२७ निष्क्रमणमहोत्सव ५५४
नेल्लक (मद्य)१११ (नोट) निव ६०, १०७, १४५, २०३, २३०
नैनी (मछली) ११३ (नोट) नींव ११२ नीतिशास्त्र (माठर का) २२० (नोट)
नैमित्तिक २०१, ४४९ नीतिसार (इन्द्रनन्दि का) ३२०
नौकरों के प्रकार ५८ (नोट) (नोट)
नौ निदान १५६
नौमलकी ६५, १५६ नीलकण्ठदीक्षित ६२६
नौ लेच्छकी ६५, १५६ नूपुरपंडित ४४७, ५०३
न्यग्रोध १३९, २६२ (नोट) नृत्य ४८०
न्याय १०४, ५०७ नृत्यशाला २९५
न्यायशास्त्र २१० नेत्तपट्ट ५६४ ने (नेपाल) २८, ३६, ९९, २५१,
५४९ (नोट),५६० (नोट) पंचकप (पंचकल्प)३५, १३४, १३४ ६४६ (नोट), ६७८
(नोट), १६१, १९६, १९७ नेम (दहलीज़) ११२
पंचकल्पभाष्य (महाभाष्य) १६॥ नेमिचन्द्र (अनंतनाथचरित के कर्ता)
पंचकल्पचूर्णी १३५, ६६८ (नोट) ५२५, ५६९
पंचगण्याशन २४६ नेमिचन्द्रगणि (वीरभद्र आचार्य के
पंचगुरुभक्ति ३०३ शिष्य)३७७, ६६७
पंचतंत्र २६८, ३५६, ३८६ नेमिचन्द्र (सिद्धांतचक्रवर्ती) १८९ पंचस्थिपाहुड २७५
(नोट), २७१ (नोट), २७७, पंचनदी ३३३ ३१२,३१५,३१६
पंचनमस्कार मंत्र (णमो कारमंत्र) नेमिचन्द्रसूरि (देवेन्द्रगणि) १४७, ३०७
१६४, १९८, ३६०, ३६२, ४३९ पंचनमस्कारस्तवन ५७१ (नोट), ४४४,५४१, ६८८ पंचनिग्रंथीप्रकरण ३४९

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