Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
View full book text
________________
८२८८
प्राकृत साहित्य का इतिहास नाथधर्मकथा (णायाधम्मकहाओ) निप्पिच्छ-निःपिच्छिक (जैनामास) ર૭ર
३०१, ३२० नादगृह २९५
निमित्त १४४, ४२३, ४७५, ५०७ नादों के प्रकार ४३२
निमित्सपाहुड ६७१ नापित २१९
निमित्तशास्त्र २६५,३५४,३७०, ६६८, नापितदास २५१
६६९, ६७० नायाधम्मकहाओ (णायाधम्मकहाओ) नियतिवाद ५२, ८७, २७२
३४,६३,३५२, ३५६, ५२७ नियतवादी ५५ नारचन्द ६७५
नियमसार २९७, ३०० नारद १८७,४४६, ४९७, ५३०, ५६७ निरयावलिया (कप्पिया-कल्पिका) नारायण (का स्तूप) ३५३
३४, ११८, १९० नारायण महर्षि १८७ (नोट)
निरुक्त ६७, १०४, ४२३ नारायणविद्याविनोद ६३८ , निरुक्ति (दी) १९७ (नोट) नारियों के संबंध में ४८५
निरुक्ति १९१ नारीबोध ५२४
निर्ग्रन्थ ५९, २३०, २४६, ३०५ नालन्दा ५६, १५६, २०१, २५०, निर्ग्रन्थप्रवचन ४३, ७९ ३५४, ५५६
निर्ग्रन्थ साधु २०२, २३० नालन्दीय (अध्ययन) ५६, २०२ निर्दोष आहार १८१ नालिका १८५, १८६
नियुक्ति-साहित्य १९४, १९९, ३५८ नासा (अभिनय) ४३३ निलांछन कर्म ६४ (नोट) नासिक ३५३, ६८३
निर्वाण (महावीर)२०६ नास्तिकवादी ९३, ५५५
निर्वाणलीलावतीकथा ४३२, ४४० नास्तिकवादी (कपिल) ५४० निर्वाणोत्सव (महावीर का)५५७ नाहर ३७२ (नोट)
निवृतिकुल ९२, ५२५ निगंठनाटपुत्त (महावीर) ६४ (नोट) निर्वतिपुर (मोक्ष) ३६१ निगम १४९, १५८
निवेदनी (कथा)२०९, ३६१ (नोट) निगोद २७९, ४५९
निवणाग (श्रेष्ठीपुत्र ) ४७३ निगोदनिशिकाप्रकरण ३४९। निवेश १५८ निघंटु ६
निम्वुइकंड (निर्वाणकाण्ड) ३०३ निजारमाष्टक ३२४
(नोट) निजूह (निजुद्ध) ४२३, ५०९ । निवेयजणणी (कथा)४१८ निज्जुत्ति (नियुक्ति ) १९३, १९७, निशीथमाप्य १९५, २११, २१६ १९७ (नोट)
निशीथचूर्णी (अनुपलब्ध) २३९ नित्ती डौल्वी १३
निशीथचूर्णीकार १८ निदर्शन (कथा) ३६१ (नोट) निसीह (निशीथ-आचारप्रकल्प-लघुनिधि ६१, १४४
निशीथ)३५, ११, ९९, १०२

Page Navigation
1 ... 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858 859 860 861 862 863 864