Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 817
________________ अनुक्रमणिका ८११ चंद्रप्रभा १११ (नोट) चतुर्भुज ३३३ चंपा ६१, ८३, ८४, १०५, ११३ (नोट) चतुर्भाणी ५८९, ६१८ (नोट) १३९ (वृक्ष), १४१, १५६, १७४, चतुर्वेदी ब्राह्मण ३५८ २९४,३०३, ३५३, ३५४, ५५६ चतुर्विध संघ ५५७ चउकडीया ६७९ चतुर्विशनिजिनस्तवन ५७२ 'चउडय' ४२७ चर्तुविंशतिस्तव १८९, २७१ चउप्पदिका (चौपाई) ४३२ चतुर्विंशतिप्रबंध ३५५ चउपन्नमहापुरिमचरिय ३७३, ५२५ चतुष्कनयिक १०३ चउसरण (चतुःशरण)३३ (नोट), चन्दपण्णत्ति (चन्द्रप्रज्ञप्ति) ३४, ४२,५८, ११७, ११८, १९०, २६७ चकोर (पर्वत) ६८४ २७२, २७३, २८४, २९३ चक्रवर्ती ११७, १५५, २७४ चन्दप्पहचरिय ५६९ चक्रधर २३३, ४५०, ६११ चन्दलेहा ६२८, ६३०, ६३३ चक्रिशाला १५२ चन्दसामि ५७३ (नोट) चक्रेश्वर (सार्धशतकवृत्ति के कर्ता) चन्दहस्थि ५७३ (नोट) चन्दाविज्झय (चन्द्रावेध्यक) ३३ चक्रेश्वर (शतकवृहत्भाष्य के कर्ता) (नोट), १२३, १९० चन्द्रकलानाटिका ६६५ चक्रेश्वर (सूचमार्थसत्तरिप्रकरण के चन्द्रकान्ता ५५५ कर्ता)३४९ चन्द्रकीर्ति ६५३ चक्रेश्वरी २९५, ४८२, ४८८ चन्द्रगच्छ ३७४, ४८८ चट्ट (छात्र) ४२३ चन्द्रगुप्त ३६, २३१, २३२, २४४, चड्डावल्लि ५३७, ५४१ २६८, २७० (नोट), २९५ चण्ड २८ (नोट), ६३६, ६३९ चन्द्रगुफा २७४, २७८, ३०३ चण्डसिंह (वैताल)५४७ चन्द्रनखा ५३०, ५३२ चण्डी -३, ४.५ चन्द्रप्रभ ५२६ चण्डीपूजा ४८८ चन्द्रप्रभस्वामीचरित ५२६ चण्डीदेवशर्मन् ६४० चन्द्रप्रभ महत्तर ५६८ चत्तादिसय ५७२ चन्द्रभागा ६०,४१७ चतर्दश जीवस्थान ६२ चन्द्रर्पि महत्तर ३३७ चतुर्दश पूर्व ६२, २७४ चन्द्रसेग (वाचक) ६७५ चतुर्दश रन ६२ चन्द्रलेग्या २५५ चतुर्दश विद्यास्थान १०१ चम्पकमाला ५५९, ६७१ चतुर्दशपूर्वी जिन २८५ चमर २९५ चतुर्दश प्रकीर्णक ३२५ चरणकरणानुयोग २३० चतुर्नय १०३ चरणविहि १९०

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