Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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प्राकृत साहित्य का इतिहास
ड
ठग (बनारस के)३६७
णाहधम्मकहा (णाणधम्मकहा-ज्ञातृउगविद्या ५१५, ५४९
धर्मकथा)७४ ठवणा २०३
णिण्हइया ६३ ठाणा २५१, १८२
णिसिहिय (निशीथिका-निषिद्धिका) ठाणांग (स्थानांगसूत्र) ३४, ५६, २७१, ३२५ १५३, ६६९ (नोट)
णिसीह (णिसेहिय-निसीह) २४६,
२७१ (नोट),३२५ डाइन ४५१
पहावित (नाई)२४६ डाकिनी ४४७ हिंडिलवनिवेश ५४१
तंजोर ६३२ डिभरेलक २२२
तंत्र ३६८, ४३०,४८० डिम ६२
तंत्रकर्म ४२३ डोंबी ६२७ (नोट)
तंत्रीसमुत्थ ४३२ डोंबिका १२३
तंदुलवेयालिय (तंदुलवैचारिक) डोह (ब्राह्मण के लिए प्रयुक्त) ४३८
३३ (नोट),३५, १२३, १२५,१९० तंदुल १२५
तंदुला (मछली) ११३ (नोट) ढंक (पक्षी)५४ ढंढण ऋषि ५६७
तकिया २२७ (नोट)
तक्षशिला ४२० ढक ३६७, ४२३, ४२७
तश्चन्निय (क) (बौद्ध साधु) ढक्की ६१२ (नोट), ६१७
२३३, २५६ .. ढयर (पिशाच)४४४
तम्बावात ९९ ढाढसीगाथा ३२६ ढिलिका ६७९
तज्जीवतच्छरीर ५५ ढोंढ सिवा २५०
तडाग १४० ढोसा ६५१
तत्वप्रकाश (संबोधप्रकरण) ३५१
तत्वबोधविधायिनी ३३१ 'ठ रे भल' (गुर्जर देश में तस्वसार ३१७, ३१८ प्रयोग) ४२७
तस्वाचार्य (उद्योतनसूरि के गुरु) णका (मछली) ११३ (नोट) णमोकारमंत्र (नवकारमंत्र) १४८ तस्वार्थभाष्य २७५ (नोट), २०६
तस्वार्थसूत्र २७३, २७५ णरवाहण (कवि) ५७३ (नोट) तद्धित १९१ णरवाहणदंत(दत्त)कथा २४७,३५९, तप १६२, ५१२ ३६४, ३८२
तपस्या ९१, ९१ (नोट) णाग (शिष्य)११७
तपागच्छ ३३२ णाय ६०
तपागच्छपद्यावलि ३५५
४१७

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