Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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अनुक्रमणिका
८०९
गीतगोविन्द ६४७
गुर्जर ३२६,३६७ गीत ३६०, ३७९, ४७३, ४८० गुर्जरदेश ४२७ गुंजालिया २६०
गुर्जरी (मुद्रा) ६७९ गुंड (गोटिल)९०
गुहिलोत ३७३ गुग्गुल भगवान् २०७
गुह्मक १४६ गुजरात ३५३, ३७३, ४३१, ५९६ गूगल ५६० गुजरात (का नागर अपभ्रश) ५५१ गूढचतुर्थपाद ५३६ गुटिकासिद्धपुरुष ४५४
गूढचतुर्थगोष्ठी ४१० गुणचन्द्र ४१०
गूढोक्ति ५०१ गुणचन्द्रगणि (देवेन्द्रसूरि) ३६२, गूढोत्तर ४२९
३६७, ३६९, ४३१, ४४८, ५४६, गृद्धपिच्छ आचार्य २७५, २९७
५५०, ६६९, ६७१, ६८८ गृहपति (परिषद्)१११ गुणधर ९८ (नोट), २७७, २९१ गृहप्रवेशलग्न ६७९ गुणपाल ५३४
गृहिधर्म १९१ गुणभद्र २७३, ३२१, ५२७ गेय के प्रकार ५९,४२३ (नोट), गुणरत्न (अवचूरिलेखक) १२४, १२७ . ६१२ (नोट) गुणरत्न (श्रुत) १२८
गैरिक २४६ गुणरत्न (षड्दर्शनसमुच्चय के टीका- गो (आख्यान)४४५
कार)३२० (नोट) गोकुल ४५२ गुणरत्न (नव्य बृहत्क्षेत्रसमास के गोचर्या २२० ___ कर्ना)३४७
गोचोरक ९३ गुणव्रत ६८
गोच्छक १८५ गुणविनयर्माण ३४३
गोतम (गौतम इन्द्रभूति) ६०, ६५, गुणशिल चैत्य ७६, १५७, २१९
९५, १११, ११२, ११५ (गोत्र), गुणस्थान २७६, २७८, २८०
१६४, १७०,१ ७१, २६९, २७४, गुणस्थानकमारोहप्रकरण ३४९
२९७, ३१६, ५२९, ६०१ गुणाढय ४, २८,३५६, ३७७, ३८२, गोतमभापित ५२४
३८३, ४१७, ५७३ (नोट), ५७५ गोतमीपुत्र ६८३ गुप्त वंश ४१७
गोन (नक्षत्रों के) ११५ गोत्रास ९६ गुप्ति-समिति २३०
गोदान २४६ गुरु के गुण ५१८
गोदास ६१ गुरुगुणपत्रिंशिकाप्रकरण ३४९ गोपुच्छिक ३०१ गुरुतश्वविनिश्चय ३५१
गोपाल ६५१, ६५५ गुरुदत्त ३१७
गोपुर २६० गुरुवंदन ३३०
गोप्यसंघ (यापनीय) ३२०, ३२० (नोट) गुरु-शिष्यसंबंध १४८
गोभद्र ५५४

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