Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 803
________________ प्राकृत साहित्य का इतिहास आईककुमार ५६, २०२, २३८ आलभिया (का) १५६, ३५४, ५५७ आर्द्रकपुर २०२ आलिंगनिका २२७ आईककुमारकथा ४८९ आलीढ़ ४३२ आर्य उपकुल की भाषायें ३ आलेख्य ३६६, ३७९, ४२३ आयमंगु (मंच) १८८, २०७, २२०, आलोचना १६२, २०७, २१७, ३०३ २७६, २७७, २९१ आलोचनाद्वार १८२ आर्य-अनार्य वेद ३८९ आल्सडोर्फ (एल्सडोर्फ) ३८३ आर्य कुल ६० आवत्त (नाव)३६७, ४८१, ५६४ आर्य कालक (कालकाचार्य) आवन्ती १८, ६४१, ६४३ १४२, २०३, २०६, २१९, २४४, आवया (पत्नी)५३६ २४५, २४७, ३५८, ५०१, ६६८ आवश्यक (छह ) ३४ (नोट), १८९ आर्य क्षेत्र ११३, १५८, २२३, ५८४ आवश्यकचूर्णी ३७ (नोट), १९७, आय जंबू ११८ २१० (नोट), २४६ (नोट), आर्य खपुट ३३९, ४३१, ४४६ २४९, ३८१, ४५०, ४५६ आर्य नन्दि (बीरसेन के गुरु)२७५ आवश्यकनियुक्ति ६० (नोट), १६१, आर्य. नन्दि २७७ (नोट) १६३, १८२, १९४, २०४, २०४ आर्य नागहस्ति १८८ (नोट), २०८, २७०, २७५, आर्य महागिरि २०७, ४३१, ४९१, ३०४, ३०८, १५२ ४९७ आवश्यकभाष्य २३० आर्य रक्षित १०१, १९०, २०६, २१९, आवश्यकव्यतिरिक्त ३४ (नोट), १८९ २५०, २५१, ५०३, ५२६ आवी (एरावती)६० आर्य रोह ६७ आवस्मय (आवश्यक) ३३ (नोट), आर्य वज्र (वज्रस्वामी) १०१, २०६, ३४ (नोट), ३५, १६३, १७२, २०७, २५० १८९, १९४, १९६, १९७, १९८, आर्य वेद २५०, ५०० ३०२, ३१०,३५९, ५१४ आर्य श्याम ११२, १८८ आशातना ६४, १४१, १५४ आर्य समुद्र २२०, ५२६ आशाधर ३०५,३२३ आयं स्कंदक ६५, ६७ আয়অল্পী ৪২০ आर्य स्कंदिल ३७, ३८, १९८ आशीविष १५३, २८५ आर्य सुहस्थी (सुहस्ती) २०७, ४९७ ।। आश्चर्य (दस)६१, ३३० आर्याओं के उपकरण १८५ आश्वलायन ३८९ (नोट) आर्या चन्दना (देखो चन्दनबाला) आश्रम १५८ आषाढाचार्य (आसाढ़सूरि) ६०, आर्या छंद ३९३, ५२८, ५८०, ५८९ २५०, ५०३ आर्यासप्तशती ५७५ आर्ष प्राकृत २१, २४,३९,६४४, ६४५ आर्यिका २२४ भासस्य (अश्वत्थ)६१

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