Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 802
________________ अनुक्रमणिका ७९५ आचारांगचूर्णी २३४ आप्तमीमांसा २७३ आचार्य १५०, १५३ आबू ३५३ आचार्यभ६१४८ आभीर २६२,६४६ (नोट) आचार्य भूतबलि २८९ आमीरी ६१२, ६५१ आचार्य वीरसेन २८१ आभूषण ११२, २४६ आजीवि(व)क ५८, ६४, ७१, ८६, आमलकप्पा १०८,५५० (नोट , १०३, २०७ (नोट), २४६,५१४, ६६८ आम्रचोयक १४४ आजीविका ५९, १४४, ३४४ आम्र देवसूरि ३६०,३६२, ४३९ (नोट), आज्ञा १५३, ३०७ ४४४ आटे के मुर्गे की बलि ४०३ आम्रपान २३७ आम्रपेशी १४४ आट्ट ६२७ (नोट) आठ निमित्त (देखो अष्टांगनिमित्त) आम्रशालवन १०८ आडतिग ४७९ आयंबिल ३७९ आततत ४२९ आयविसोही १९० आस्मप्रमाण (यष्टि) १८५ आयारजीदकप्प १६१ (नोट) आत्मप्रवादपूर्व ३५ (नोट), १०२ आयारदसा(दसासुयक्खंध)३५, १५४ (नोट), १७४ आयुर्वेद ६१, ४३२ आत्रेय २०६ आराधना १२८ आदर्श लिपि ११४ आरबी (दासी)१४१ आदर्शघर (शीशमहल) ११२ आरक्षक २१८ आदस्स ६३ आराधनाकुलक ३०३ (नोट) आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये १४ २५ आराधनाटीका ३०५ (नोट) आराधनापंजिका ३०५ आदिनाहचरिय (आदिनाथचरित) आराधनापर्यंत ३०३ (नोट) ___५२६, ५६८ आराधनामाला ३०४ (नोट) आदिपुराण २७३, २७५ आराधनानियुक्ति १९५ (नोट), २१०, ३१० आदेश २८०, २८३ आद्यपंचाशक ३४८ आराधनापताका ३३ (नोट), १२९, ३०४ (नोट) आनंद ६५, ८५ आराधनासार ३१७ आनन्द गृहपति ५५७ आराधनासूत्र (आराधना प्रकरण) आनंदवर्धन ५९५, ६५६, ६५८, ६९० आनन्दविमलसूरि १२७ आराम २६० भानन्दपुर १५५ (नोट) आरामागार १३८, १४० आनन्दसुन्दरी ६२८, ६३२ आरामसोहा (आरामशोभा)कथा आपद्धर्म १८३ (नोट) ४३१, ४८९

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