Book Title: Prakrit Sahitya Ka Itihas
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan
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अनुक्रमणिका
८०३
कहावते ३६०, ४४३, ४४८ कायचिकित्सा ६१ (नोट) कांचना ९३
कायोत्सर्ग ५०, १८९, २०७, ३३० कांचनपुर ३१३ (नोट), २३३ कायोत्सर्ग-ध्यान १७३ कांचीदेशीय २७
कार्तिकेय ३०२ (नोट), ३१२ कांचीपुर २२७,३७०, ४४२
कार्पटिक ४२३ कांतिदेव ५९०
कार्मिक २०६ कांपिल्य ६१, ११३ (नोट), १४१ ।। कालकाचार्य (देखोआर्यकालक) ४३९ काकजंघ ५०४
(नोट)४९१, ५१७, ५७५, ६६७ काकरुत ४३०,५०७
कालकेला ३८९ . कागणी ( काकिणी) २१६. २२३ कालचक्रविचारप्रकरण ३४९ कात्यायन ६३६, ६३७, ३५१ कालण्णाण (ज्योतिष्करंडक) २४७ कात्यायिनी देवी ३६९, ३४०, ४३२, (नोट) ४५०, ५४७, ५४९
कालमेघ (महामन्ल)५५३ कादम्बरी ३६१ (नोट), ४१७, ५०१ कालसी ६८१ कानन २६०
कालसेन ३७०, ४४९ काननद्वीप २२२
कालागुरु ५६४ कान्यकुब्ज (की उत्पत्ति) ३९०, ६०, कालासवेसियपुत्त ६७ कापालिक ३६८, ३६९, १९, ४५२, कालिक (य) ३५, ३७, ४१, १०४, ५३८, ५.९
१८६, १८९, २०७, २३०, २७३ कापिलिक १८२, १९१
(नोट) कापिलीय (अध्ययन)
कालिकट ६३० कापिशायन १११ (नोट) कालिकायरियकहाणय (कालिकाकापोतिका २२५
चार्यकथानक) ४५५ कामकथा ३६०,३६१
कालिदास २५, ५२१, ५५०, ५८६, कामक्रीड़ा ४४३
५९०, ५९६, ६३३, ६६० कामजसया ९६
कालिदास के नाटक ६१९ कामढ़िय ६१
कालिपाद मित्र १८८ (नोट) कामदत्ता ५८९
कालियद्वीप ८४, ३५७ कामदेव (श्रावक)८६, ३४१ कालोदधि ३४७ कामपताका (वेश्या) ३९३ कालोद समुद्र २९६ कामरूप ३७०, ४५०
कालोदाई २२५ कामशास्त्र १९१ (नोट), ३७०, ४१०, काव्य ४२३ (नोट), ४७३, ४७५, ५०७
४८०, ५०७, ५४२ कामसूत्र १८९ (नोट)
काव्यप्रकाश ६६२, ६६३, ६६४, ६६५ कामांकुर ३७०, ४०, ४६७ काव्यमीमांमा ११ (नोट), २९ कामिकी ३५८
(नोट), ५७५, ६२९

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