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प्राकृत साहित्य का इतिहास
डहर बालक
गोणी बोग कुवणय=लगुड
' নবািসা =খিল বিশাল खोड-काष्ठमय
| गंतग- वन कलम= शालिविशेष
ग्वउर-निकना पदार्थ खग्गूड = आलसी = निद्रालु = अश्रद्धालु पिहस्स पीसणं णिरस्थं पीसे हुए को काहीएकाथिक-कथा कहने में तल्लीन
पासना निरर्थक है धंतं- अनिशय
थाइणि = बडवा = बोदी सागारिक शय्यातर = वसति आदि | ओलि' पंक्ति देने वाला।
पेलव-निःसत्त्व घाडिय% मित्र
मत्तग%मूत्र साही= पंक्ति
काहू = एक वृक्ष छिन्ना=छिनाल = छिनाल
कोंचवीरग%= एक जलयान रुंद%विस्तीर्ण
उज्जल - अत्यन्त मलिन ओवग गर्त
खट्टामल = पूपलिकाग्वादक = सौ वर्ष का खरय-दास
बूढ़ा जो स्वयं स्वाट से उठने में वेंटल वशीकरणप्रयोग
असमर्थ हो। वियरग%= कूपिका
नवरंग दृतिका = मशक एरंडइय=जिसे हड़क उठी हो
मकोडग = मकोड़ा सेडुग% कपास
पेल- पूनी दसा:किनारी
बहिलग-करभी, वेसर, बैल आदि गोर-गोधूम
अगंठिक - केला=(जिसमें गाँठ न हो) अवसावण-कांजी
चोलय = भोजन डगण= एक यान
उअपोत-आकीर्ण फिल्मसिया-फिसल गई
गाध-कथ % कहना तत्ति = व्यापार
सेडग%= श्वेत पन्चावी प्रव्रजित
खेरि परिशाटी वसधि = वसति
गंधसाली-गंधशालि जाधे= यदा
अधव% अथवा अहवण= अथवा
छुटगुल-गीला गुट विगड-मय
सिण्हा= अवश्याय सगल' =समस्त
काइय% कायिकी = दीर्घशंका, लघुशंका भोइय =ग्रामस्वामी
सीताजमहलपूजा सोहा सूखी लकड़ी
घरासे = गृहवासे अध% अक्षणिक
रहउड= राठौड १. मराठी में सगळा
२. हिन्दी में सोंटा ३. मराठी में ओळी