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प्राकृत साहित्य का इतिहास में रत रहती हैं, बिना बिचारे साहसपूर्ण कार्य करती हैं, भय उत्पन्न करती हैं, ऐसी हालत में कौन ऐसा बुद्धिमान् पुरुष है जो उनसे प्रेम करेगा ? गुरु के मुख से स्त्रियों के संबंध में उपर्युक्त वाक्य सुनकर शिष्य ने शंका की कि महाराज! मेरी स्त्री तो सरल, पतिव्रता, सत्य, शील और दया से युक्त है, तथा वह मुझ से प्रेम करती है और विनीत है। गुरु ने उत्तर दिया-भले ही वह गुणवती हो, लेकिन फिर भी वह विष से मिश्रित भोजन की भाँति दुर्गति को ही ले जानेवाली है। ___ जीव, सर्वज्ञ और निर्वाण को स्वीकार न करनेवाले नास्तिकवादी कपिल का उल्लेख है। भूत-चिकित्सा के लिये नमक उतारना, सरसों मारना और रक्षा-पोटली बाँधने का विधान है। ___ शत्रु का आक्रमण होने पर जो गाँव शत्रु के मार्ग में पड़ते थे, वहाँ के निवासी गाँव को खाली करके अन्यत्र चले जाते थे, वहाँ के कुओं को ढंक दिया जाता और तालाबों के पानी को खराब कर दिया जाता था जिससे वह शत्रुसेना के उपयोग में न आ सके।
गंभीर नाम के समुद्रतट का सुन्दर वर्णन है। यहाँ से व्यापारी लोग सुपारी नारियल, कपूर, अगुरु, चंदन, जायफल आदि से यानपात्र को भरकर शुभ नक्षत्र देखकर मंगलघोष के साथ विदेशयात्रा के लिये प्रस्थान करते हैं । यानपात्र शनैः शनैः बड़ी सावधानी के साथ किसी संयमशील मुनि की भाँति आगे बढ़ता है।
उद्यान में क्रीडा करते हुए सुरसुंदरी और मन्दरकेतु का विनोदपूर्ण प्रश्नोत्तर देखिये
किं धरइ पुन्नचंदो, किं वा इच्छति पामरा खित्ते ? आमंतसु अंत-गुरुं किं वा सोक्खं पुणो सोक्खं ? दळूण किं विसठ्ठइ कुसुमवणं जणियजणमणाणंदं ? कह णु रमिज्जइ पढमं परमहिला जारपुरिसेहिं ? (इन सब प्रश्नों का एक ही उत्तर है-स-सं-कं)