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प्राकृत साहित्य का इतिहास साधुओं की ओर लक्ष्य करके कहने लगा-"जैसा मैं हूँ, वैसे ही ये सब हैं।"
वैनयिक बुद्धि के उदाहरण देते हुए टीकाकार ने १८ प्रकार की लिपियों का उल्लेख किया है-हंसलिपि, भूतलिपि, यक्षी, राक्षसी, उड्डी, यवनी, फुडुक्की, कीडी, दविडी, सिंधविया, मालविणी, नटी, नागरी, लाटलिपि, पारसी, अनिमित्ता, चाणक्यी, मूलदेवी । खड़िया मिट्टी के अक्षर बनाकर खेल-खेल में लिपि का ज्ञान कराया जाता था। ___ रावण के चरित्र का उल्लेख करते हुए यहाँ राजा दशरथ की तीन प्रिय रानियाँ बताई गई हैं-कौशल्या, सुमित्रा और केकयी। इन्होंने क्रम से राम, लक्ष्मण, और भरत को जन्म दिया। किसी समय दशरथ ने रानी केकयी से प्रसन्न होकर उसे वर दिया। केकयी ने कहा, समय आने पर माँगूंगी । राम के बड़े होने पर जब दशरथ ने उसे अपने पद पर बैठाना चाहा तो केकयी ने भरत को राज्य देने के लिये राजा से कहा । रामचन्द्र को इस बात का पता लगा और वे लक्ष्मण और सीता सहित वन जाने के लिये उद्यत हो गये। तीनों महाराष्ट्र मंडल के किसी गहन वन में जाकर रहने लगे। रावण का पहले से ही सीता के प्रति दृढ़ अनुराग था। वह छल करके वहाँ आया
और पुष्पक विमान में सीता को बैठाकर लंकापुरी ले गया । हनुमान ने रामचन्द्र को सीता के लंका में होने का समाचार दिया। तत्पश्चात् राम ने लंका पहुँच कर अपने बंधु के साथ रावण का वध कर सीता को प्राप्त किया | चौदह वर्ष के पश्चात् राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या लौटे | राम की अनुज्ञापूर्वक लक्ष्मण का अभिषेक किया गया । कुछ समय बीतने पर लोगों ने रावण के घर रहने के कारण सीता पर शीलभ्रष्ट होने का आरोप लगाया। यह देखकर एक दिन सीता की किसी सौत ने
अपने रूप के लिये संसार भर में प्रसिद्ध रावण का चित्र . बनाने के लिये सीता से अनुरोध किया। लेकिन सीता रावण