________________ 276 . नैषधमहाकाव्यम् / निष्फल नहीं होने वाला ) शख है / [उससे पृथ्वी अलंकृत है, कुल नाम तथा कुमारी कहने से वह विवाहके योग्य है, इच्छा हो तो तुम भो उसके लिये उपाय करो, ऐसा संकेत है ] // सम्प्रति प्रतिमुहूर्तमपूर्वा कापि यौवनर्जवेन भवन्ती / आशिखं सुकृतसारभृते सा क्वापि यूनि भजते किल भावम् / / 27 / / अथेन्द्रस्य मात्सर्योत्पादनाय तस्याः पुरुषान्तरासतिश वक्ति-सम्प्रतीति / सम्प्र. तीदानी, सा दमयन्ती, यौवनस्य जवेनोद्भववेगेन, प्रतिमुहूतं काप्यपूर्वा लावण्यम यावयवपोषविशेषेणान्येव भवन्ती / आशिखं शिखापर्यन्तम् , ममिविधावण्ययी. भावः। सकतसारभृते उस्कृष्टपुण्यभृते ईडग्भाग्यसम्पन्न इत्यर्थः / कापि कस्मिन्नपि यूनि भावमनुरागं भजते। कित्येति // 27 // इस समय प्रत्येक क्षणमें योवन वेगसे कोई अपूर्व अर्थात् अस्यन्त सुन्दरी होती हुई वह दमयन्ती एड़ीसे चोटी तक पुण्य के सारसे परिपूर्ण किसो युवकों अनुराग कर रही है। जगत्मन्दरी वह दमयन्ती स्वयं जिसे चाहती है, उस युवकके पुण्यजन्य माग्यातिशयका क्या वर्णन किया जाय ? अर्थात् वह अत्यन्त भाग्यशाली है। [प्रतिक्षण उसके सौन्दर्यको वृद्धिका वर्णन करते हुए नारदजीने उस दमयन्तीका किसो भाग्यशाली युवक में स्वयं प्रेम करना कहकर महल्या मादिकी इच्छा करनेसे कामवासनामें प्रसिद्ध इन्द्रकी उत्कण्ठाको अधिक बढ़ा दिया है ] // 27 // कथ्यते न कतमः स इति त्वं मां विवक्षुरसि किं चलदोष्ठः 1 / अर्धवमनि रुणसि न पृच्छां निर्गमेण न परिश्रमयैनाम् // 28 // कथ्यत इति / किश, चलदोष्ठस्स्वंस युवा कतम इति मां विवतुर्वक्तुमिछुरसि किम् / तर्हि अर्धवर्मन्योक्ते पुच्छां प्रश्नम् / मिदादिस्वादछ।न वणरसीति काकुः। एना पुग्छां निर्गमेणोच्चारणेन न परिश्रमय मा खेदय / कुतः न कथ्यते / यतः पृष्टोऽपि न कथयामि, अतो न प्रष्टग्यमेवेत्यर्थः // 28 // __हिलते हुए ओठवाले तुम 'वह युवक कौन है' यह ( मुझसे ) पूछना नहीं चाहते हो क्या ? अर्थात् अवश्य हो पूछना चाहते हो। आधे मार्गमें अपने 'प्रश्नको नहीं रोकते हो ? अर्थात रोकते ही हो, उसको (मुखले ) बाहर निकालकर अर्थात् उस प्रश्नको पछकर, उसे मत थकामओ ( मत पूछो, क्योंकि मैं उसे ) नहीं कहूँगा। ( अथवा-हिलते हुए ओठवाळे तुम 'उस दमयन्तोके अनुरागभूत युवक को आप नहीं कहेंगे क्या ? ) इस प्रकार पूछने के इच्छुक नहीं हो क्या ?... / [ तुम्हारे ओठके हिलनेसे स्पष्ट मालूम होता है कि तुम दमयन्तोके अनुराग विषयभूत उस युवकका परिचय पूछना .. ..'-भरेण' इति पाठान्तरम् /