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चौवीस दण्डक ।
(८६)
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शरीर काय योग १२ वैक्रिय मिश्र शरीर काय योग १३ आहारिक शरीर काय योग १४ आहारिक मिश्र शरीर काय योग १५ कार्मण शरीर काय योग ।
१७ उपयोग द्वार-उपयोग बारह-१ मति ज्ञान उपयोग २ श्रुत ज्ञान उपयोग ३ अवधि ज्ञान उपयोग ३ मनः पर्यव ज्ञान उपयोग ५ केवल ज्ञान उपयोग ६ मति अज्ञान उपयोग ७ श्रुत अज्ञान उपयोग ८ विभंग अज्ञान उपयोग ६ चक्षु दर्शन उपयोग १० अचच दर्शन उपयोग ११ अवधि दर्शन उपयोग १२ केवल दर्शन उपयोग ।
१८ आहार द्वार-आहार तीन-१ ओजस आहार २ रोम आहार ३ कवल आहार यह सचित आहार,अचित श्राहार, मिश्र आहार ( तीन प्रकार का होता है । )
१६ उत्पति द्वार-चोवीस दण्डक का आवे । सात नरक का एक दण्डक १, दश भवन पति के दश दण्डक, ११, पृथ्वीकाय का एक दण्डक, १२, अपकाय का एक दण्डक, १३, तेजस काय का एक, १४, वायु काय का एक, १५, वनस्पति काय का एक, १६, बेइन्द्रिय का एक, १७, त्रैन्द्रिय का एक, १८ चोरिन्द्रिय का एक, १६, तियश्च पंचेन्द्रिय का एक, २०, मनुष्य का एक, २१, वाण व्यन्तर का एक, २२, ज्योतिषी का एक, २३, वैमानिक का एक, २४, ।
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