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मार्गानुसारी के ३५ गुण।
(५४१)
ॐ मार्गानुसारी के ३५ गुण
१ न्याय संपन्न द्रव्य प्राप्त करे २ सात कुव्यसन का त्याग करे ३ अभक्ष्य का त्यागी होवे ४ गुण परीक्षा से सम्बन्ध (लम ) जोड़े ५ पाप-भीरु ६ देश हित कर वर्तन वाला ७ पर निन्दा का त्यागी ८ अति प्रकट, अति गुप्त तथा अनेक द्वार वाले मकान में न रहे ६ सद्गुणी की संगति करे १० बुद्धि के आठ गुणों का धारक ११ कदाग्रही न होवे (सरल होवे) १२ सेवाभावी होवे १३ विनयी १४ भय स्थान त्यागे १५ आय-व्यय का हिसाब रक्खे १६ उचित ( सभ्य) वस्त्राभूषण पहिने १७ स्वाध्याय करे (नित्य नियमित धार्मिक वाचन, श्रवण करे) १८ अजीण में भोजन न करे १६ योग्य समय पर ( भूख लगने पर मित, पथ्य नियमित) भोजन करे २० समय का सदुपयोग करे २१ तीन पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम) में विवेकी २२ समयज्ञ (द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव का ज्ञाता) होवे २३ शांत प्रकृति वाला २४ ब्रह्मचर्य को ध्येय समझने वाला २५ सत्यव्रत धारी २६ दीर्घदर्शी २७ दयालु २८ परोपकारी २६ कृतघ्न न होकर कृतज्ञ होवे (अपकारी पर भी उपकार करे ३० आत्म प्रंशसा न इच्छे, न करे न करावे ३१ विवेकी ( योग्यायोग्य का भेद समझने वाला ) होवे ३२ लजा. वान होवे ३३ धैर्यवान होवे ३४ षडरिपु (क्रोध, मान,
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