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परम कल्याण के ४० बोल ।
(५४६ )
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सूत्र
१२ सत्य बात निशङ्कता ,, आनन्द श्रावक उपाशकदशा
पूर्वक बहने से .. १३ कष्ट पड़ने पर भी ,, अंधड़ और ७०० उववाई ,
व्रतों की दृढता से , शिष्य १४ शुद्ध मन से शीयल , सुदर्शन शेठ सुदर्शन पालने से
- चरित्र १५ पग्ग्रिह की ममता , कपिल ब्राह्मण उत्ता ध्यय.
छोड़ने से १६ उदारता से सुपात्र , सुमुख गाथा- विपाक सूत्र दान देने से.
पति १७ त से डिगते हुवे, राजमती उत्तराध्यको स्थिर करने से
यन सूत्र १८ उग्र तपस्या करने से ,, धन्ना मुनि अ. सूत्र १६ अग्लानि पूर्वक , पंथक मुनि
वैयावच्च करने से २० सदेव अनित्य , भरत चक्रवर्ती जम्बूद्वीप
भावना भावने से २१ अशुभ परिणाम , प्रसन्नचन्द्र रोकने से
राजर्षि चरित्र २२ सत्य ज्ञान पर , अन्नक ज्ञाता सूत्र श्रद्धा रखने से
श्रावक
ज्ञाता ॥
श्रेणिक
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