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(६७२)
थोकडा संग्रह ।
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३ संठाण द्वार-१, २, ३, ४, और ६, १०, ११, १२, एवं ८ देव लोक अध चंद्राकार है । ५, ६, ७, ८ देव लोक और ६ ग्रीयवक पूर्ण चन्द्राकार हैं । चार अनुतर विमान त्रिकोन चारों ही तरफ हैं और बीच में सर्वार्थ सिद्ध विमान गोल चन्द्राकार है।
४ आधार द्वार-विमान और पृथ्वी पिण्ड रत्न मय है। १-२ देव लोक घनोदधि के आधार पर है। ३-४-५ देव धन वायु के आधार से है । ६-७-८ देव० घनोदधि धनवायु के आधार से है । शेष विमान आकाश के आधार पर स्थित हैं।
५ पृथ्वी पिण्ड ६ विगन ऊंचाई, ७ विमान और परतर, ८ वर्ण द्वारविमान पृथ्वी पिण्ड वि० ऊंवाई वि० संख्या परतर वर्ण
२७०० यो० ५०० यो० ३२ लाख १३ ५वण
२७००" ५०० " २८" १३ ५ " ३ २६०० " ६८०" १२" १२ ४ " ४ २६०० " ६०० " ८" १२ ४ " ५ २५०० " ६ २५०० ., , ५० हजार र ३ ,, ७ २४०० ,
, ४० , ४ २ , ८ २४००, ,, ६ , ४ २ , २३०० ,
४०० १० २३०० , . ६०० ,,).
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