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( ६ ) स्यन्नास्त्यवक्तव्य — पर गुणों की नास्ति है और १ समय में नहीं कहे जा सकते हैं ।
प्रमाण - नय ।
( ७ ) स्यादस्ति नास्त्य वक्तव्य ग्रस्ति नास्ति दोनों हैं परन्तु एक समय में कहे नहीं जासक्ते इस स्याद्वाद स्वरूप को समझ कर सदा समभावी बन कर रहना जिससे आत्म-कल्याण होवे |
!! इति नय प्रमाण विस्तार सम्पूर्ण ॥
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