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भाषा-पद ।
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हनुमान कहना ] ५ अपेक्षा सत्य ६७ व्यवहार सत्य [८] भाव सत्य [ ६ ] योग सत्य [ १० ] उपमा सत्य ।
असत्य वचन के १० प्रकार -१ क्रोध से २ मान से ३ माया से ४ लोभ से ५ राग से ६ द्वेष से ७ हास्य से ८ भय से [ इन कारणों से बोली हुई भाषा - आत्म ज्ञान भूलकर ] बोली हुई होने से सत्य होने पर भी असत् है । ६ पर परिताप वाली १० प्राणातिपात [ हिंसक ] भाषा एवं १० प्रकार की भाषा असत्य है ।
मिश्र भाषा के १० प्रकार - इस नगर में इतने मनुष्य पैदा हुवे, इतने मरे, आज इतने जन्म मरण हुवे, ये सर्व जीव हैं, ये सर्व जीव हैं, इनमें श्राधे जीव हैं, आध अजीव हैं, यह वनस्पती समस्त अनन्त काय है वह सर्व परित काय है, पोरसी दिन आ गया, इतने वर्ष व्यतीत होगये, तात्पर्य यह कि जब तक जिस बात का निश्चय न होवे ( चाहे कार्य हुआ हो ) वहां तक मिश्र भाषा
व्यवहार भाषा के १२ प्रकार - १ संबोधित भाषा [ हे वीर, हे देव इ० ] २ आज्ञा देना ३ याचना करना ४ प्रश्नादे पूछना ५ वस्तु तच्च प्ररूपणा करनी ६ प्रत्याख्यानादि करना ७ सामने वाले की इच्छानुसार बोलना जहासुहं " ८ उपयोग शून्य बोलना है इरादा पूर्वक व्यवहार करना १० शंका युक्त बोलना ११ अस्पष्ट बोलना १२ स्पष्ट बोलना, जिस भाषा में असत्य न होवें
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