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रण
संचय संख्यात गुणा ।
५ स्थावर में अल्पबहुत्व नहीं । सिद्ध में सर्व से कम क्रत संचय, उनसे श्रववतव्य
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॥ इति कृत संचय संपूर्ण ॥
२०६३
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