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थोकडा संग्रह।
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भेद से जानना सो विशेष । जैसे द्रव्य सामान्य जीव अजीव, ये विशेष । जीक द्रव्य सामान्य, संसारी सिद्ध विशप इत्यादि।
११ गुण गुणी-पदार्थ में जो खास वस्तु (स्वभाव) है वो गुण और जो गुण जिसमें होता को वस्तु ( गुण धारक ) गुणी है । जैसे ज्ञान यह गुण और जीव गुणी, सुगन्ध गुण और पुष्प गुणी । गुण और गुणी अभेद (अभिन्न रूप से रहते हैं। ।
१२ ज्ञेय ज्ञान ज्ञानी-- जानने योग्य ( ज्ञान के विषय भूत ) सर्व द्रव्य ज्ञेय । द्रव्य का जानना सो ज्ञान है
और पदार्थों का जानने वाला को ज्ञानी । ऐसे ही ध्येय ध्यान ध्यानी आदि समझना ।
१३ उपन्नेवा, विहन्नेवा, धूवेवा- उत्पन्न होना, नष्ट होना और निश्चल रूप से रहना जैसे जन्म लेना मरना क जीव याने कायम ( अमर ) रहना।
१४ आधेय-श्राधार-धारण करने वाला आधार और जिसके आधार से (स्थित )रहे वो अाधेय । जैसे-- पृथ्वी आधार, घटादि पदार्थ आधेय, जीव आधार, ज्ञानादि आधेय ।
१५ आविर्भाव तिरोभाव-जो पदार्थ गुण दूर है वो तिरो भाव और जो पदार्थ गुण समीप में है वो आविर्भाव। जैसे दूध में घी का तिरोभाव है और मक्खन में घी का आविर्भाव है।
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