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थोकडा सग्रह |
( ६१४ )
ज० श्रं० मु० उ० देश उणा अर्थ पुद्गल परावर्तन काल, अनेक जीवापेक्षा - सामा०, यथा० में अन्तर नहीं पड़े, छेदो० में ज० ६३००० वर्ष, परि० में ज० ८४००० वर्ष का, दोनों में उ० देश उणा १८ क्रोहाक्रोड़ सागर का, और सूक्ष्म० में ज० १ समय उ० ६ माह का अन्तर पड़े ।
३१ समुद्यात द्वार - सामा० छेदो० में ६ समु० केवली समु० छोड़ कर ) परि० में ३ प्रथम की, सूक्ष्म० में नहीं और यथा में १ केवली समुद्घात ।
३२ क्षेत्र द्वार - पांचों ही संयति लोक के असंख्यात भाग होवे, यथा वाले केवली समु० करे तो समस्त लोक प्रमाण होवे |
३३ स्पर्शना द्वार - क्षेत्र द्वार समान ।
३४ भाव द्वार - ४ संयति क्षयोपशम भाव में होवे और यथाख्यात उपशम तथा क्षायिक भाव में होवे । ३५ परिणाम द्वार - स्थान पावे तोवर्तमान अपेक्षा
नाम
पूर्व पर्याय अपेक्षा
जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य उत्कृष्ट
सामायिक १-२-३ प्रत्येक हजार नियमसे प्रत्येक ६० क्रोड
सो प्र.सो क्रोड़
सो
छेदोपस्था० परिहार वि० सूक्ष्म संपराय, १६२ (१०८क्षपक
१-२-३
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५४ उपशम )
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हज़ार
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