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रात्रि पहर देखने [ मानने ] की विधि ।
( ६४१)
माघ में-१४ दिन पुष्य, २५ दिन अश्लेषा, १ दिन मघा । ____ फाल्गुन में..१४ दिन मघा, १५ दिन पूर्वा फाल्गुनी, १ दिन उत्तरा फाल्गुनी ।
चैत्र में-१४ दिन उत्तरा फाल्गुनी, १५देन हस्ति, १ दिन चित्रा।
वैशाख में--१४दिन चित्रा,१५ दिन स्वाति, १ दिन विशाखा ।
ज्येष्ट में-१४ दिन विशाखा, १५ दिन अनुराधा, १ दिन ज्येष्टा । ____ आषाढ में--१४ दिन ज्येष्टा, १५ दिन मूल और १ दिन पूर्वाषाढा।
अन्तिम एकेक दिन लिखा है। वो नक्षत्र पूर्णिमा के दिन होवे तो उस महिने का अन्तिम दिन समझना ।
॥ इति रात्रि पहर जानने की विधि सम्पूर्ण ॥
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