________________
( ६६८)
थोकडा संग्रह।
से ११२१ यो० दूर ज्यो. विमान फिरते हैं । अर्थात् १००००+११२१+११२१=१२२४२ यो० का अन्तर है। अलोक और ज्यो० देवों का अन्तर ११११ यो० का, मांडलापेक्षा अन्तर मेरु पर्वत से ४४८८० यो० अन्दर के मांडल का और ४५३३० यो० बाहर के मंडल का अन्तर है । चन्द्र चन्द्र के मंडल का ३५ ३०४ यो० का और सूर्य सूर्य का मंडल का दो यो० का अन्तर है निर्याघात अपेक्षा ज० ५०० धनुष्य का और उ० २ गाउ का अन्तर है।
१५ संख्या द्वार-जम्बू द्वीप में २ चंद्र, २ सूर्य हैं लवण समुद्र में ४ चंद्र, ४ सूर्य हैं धातकी खण्ड में १२ चंद्र, १२ सूर्य हैं कालोदधि समुद्र में ४२ चंद्र, ४२ सूर्य हैं पुष्करा द्वीप में ७२ चंद्र, ७२ सूर्य है एवं मनुष्य क्षेत्र में १३२ चंद्र १३२ सूर्य हैं आगे इसी हिसाब से समझना अर्थात् पहले द्वीप व समुद्र में जितने चंद्र तथा सूर्य होवें उनको तीन से गुणा करके पीछे की संख्या गिनना ( जोड़ना)।
दृष्टांत-कालोदधि में चंद्र सूर्य जानने के लिये उससे पहले धात की खण्ड में १२ चंद्र १२ सूर्य हैं उन्हें १२+३=३६ में पीछे की संख्या ( लवण समुद्र के ४ और जम्बू द्वीप के २ एवं ४+२-६) जोड़ने से ४२ हुवे।
१६ परिवार द्वार-एकेक चंद्र और एकेक सूर्य के
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org