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तीर्थकर के ३४ अतिशय ।
(५५३)
न होवे ३३ दुकाल न पड़े ३४ पहले उत्पन्न हुवे उपद्रव शान्त होवें।
क्रमशः ४ अतिशय जन्म से होवे, ११ अतिशय केवल ज्ञान उत्पन्न होने बाद प्रगटे और १६ अतिशय देव कृत होवे ।
॥ इति तीर्थकर के ३४ अतिशय सः
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