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( ६०२ )
थोकडा संग्रह |
२८ आगरेस द्वार - पुलाक एक भव में ज० १ वार श्री ज० २ वार उ० ७
उ० ३ वार वे अनेक भव वार श्रावेवकुश पडि० और कषाय कु० एक वार उ० प्रत्येक १०० वार वे अनेक भव
भव में ज० १
श्री ज० २
निर्ग्रन्थ एक
भव श्राश्री
श्री ज० २
चार उ० प्रत्येक हजार वार, ज० १ वार उ० २ वार वे अनेक भव उ० ५ वार आवे स्नातक पना ज० उ० १ ही वार आवे । २६ काल द्वार - (स्थिति) पुलाक एक जीव अपेक्षा ज० १ समय उ० अं० मु०, अनेक जीव अपेक्षा ज० उ० अन्तर्मुहूर्त की वकुश एक जीव अपेक्षा ज० १ समय उ० ચી देश उण पूर्व क्रोड़, अनेक जीवापेक्षा शाश्वता पडसे, कषाय कु० वकुश वत् निर्ग्रन्थ एक तथा अनेक जीवापेक्षा ज० १ समय उ० अन्त:हूर्त स्नातक एक जीवाश्री ज० ० मु०, उ० देश उण। पूर्व क्रोड, अनेक जीवापेक्षा शाश्वता है ।
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३० श्रान्तरा ( अन्तर ) द्वार : - प्रथम ५ नियंठा में अन्तरा पड़े तो जीव अपेक्षा ज० अं० मु०, उ० देश उणा अर्ध पुद्गल परावर्तन काल तक स्नातक में एक जीवापेक्षा अन्तर न पड़े अनेक जीवापेक्षा छ तर पड़े तो पुलाक में ज० १ समय, उ० संख्यात काल, निर्ग्रन्थ में ज० १ समय उ० ६ माह शेष ४ में अन्तर न पड़े ।
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३१ समुद्घात द्वार - पुलाक में ३ समु० ( वेदनी,
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