________________
Jain Education International
( ४६२)
For Private & Personal Use Only
द्रव्य अात्मा में कषाय आ. योग प्रा० उपयोग प्रा० ज्ञान प्रा० दर्शन श्रा० चारित्र श्रा. वीर्य श्रा० कषाय आत्मा द्रव्य प्रा० द्रव्य प्रा० द्रव्य प्रा० द्रव्य प्रा० द्रव्य प्रा० द्रव्य प्रा. द्रव्य श्रा० का भजना की नियमा की नियमा की निपमा की नियमा को नियमा की नियमा की नियमा योग प्रारमा योग श्रा० कषाय श्रा० कषाय प्रा० कषाय प्रा० कषाय प्रा. कषाय प्रा० कषाय प्रा० की भजना की नीयमा की भजना की भजना की भजना की भजना की भजना की भजना उपयोग प्रारमा उपयोग श्रा० उपयोगं श्रा० योग प्रा० योग प्रा० योग प्रा० योग प्रा० योग प्रा० की नीयमा की नीयता की नीयमा की भजना की भजना की भजना की भजना की भजना ज्ञान प्रा० ज्ञान आ. ज्ञान प्रा. ज्ञान प्रा० उपयोग श्रा० उपयोग पा उपयोग प्रा० उपयोग प्रा० की भजना की भजना की भजना की भजना की नीयमा की नीयमा की नीयमा की नीयमा दर्शन श्रात्मा दर्शन प्रा. दर्शन प्रा. दर्शन श्रा० दर्शन प्रा० ज्ञान प्रा० ज्ञान प्रा० ज्ञान प्रा. की भजना की नीयमा की नीयमा की नीयमा की नीयमा को भजना की नीयमा की भजना चारित्र आत्मा चारित्र अ.. चारित्र प्रा. चारित्र प्रा० चारित्र श्रा. चारित्र प्रा. दर्शन प्रा० दर्शन प्रा. की भजना की भजना की भजना की भजना की भजना का भजना की नीयमा की नीयमा वीर्य प्रा. वीर्य प्रा. वीय आ. वीर्य प्रा. वीर्य श्रा० वीर्य प्रा० वीर्य प्रा० चरित्र ग्रा० की भजना की नीयमा की नीयमा की भजना की भजना की भजना की नीयमा की भजना
भजना अर्थात होवे अथवा नहीं होवे । नीयमा का अये निश्चय होवे ।
थोकडा संग्रह।
www.jainelibrary.org