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या पुद्गलों का अल्प बहुत (श्री भगवती जी सूत्र शतक २५ उद्देशा चौथा )
पुद्गल परमाणु, संख्यात प्रदेशी, असंख्यात प्रदेशी और अनन्त प्रदेशी स्कन्धों का द्रव्य, प्रदेश और द्रव्य प्रदेशों का अल्प बहुत्वः
(१) सर्व से कम अनंत प्रदेशी स्कंध का द्रव्य, उनसे (२) परमाणु पुद्गल का द्रव्य अनंत गुणा " (३) संख्यात प्रदेशी का " संख्यात " " (४) असंख्यात" " असंख्यात"
प्रदेशापेक्षा अल्प बहुत्व भी ऊपर के द्रव्यवत् । द्रव्य और प्रदेश दोनों का एक साथ अल्प बहुत्व:(१) सर्व से कम अनन्त प्रदेशी स्कन्ध का द्रव्य, उनसे (२) अनंत प्रदेशी स्कन्ध का प्रदेश अनंत गुणा " (३) परमाणु पुद्गल का द्रव्य प्रदेश " . " (४) संख्यात प्रदेशी स्कन्ध का द्रव्य संख्यात गुणा " (५) " " " प्रदेश " " (६) असंख्यात" " द्रव्य असंख्यात गुणा ॥ (७) " " " प्रदेश "
* क्षेत्र अपेक्षा अल्प बहुत्व के (१) सर्व से कम एक आकाश प्रदेश अवगाह्या द्रव्य उनहें (२) संख्यात प्रदेश अवगाह्या द्रव्य संख्यात गुणा "
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