________________
खण्डा जोयणा।
( ५२५)
६, चार वक्षार पर्वत
२००० १० ,, तीन अन्तर नदी
३७५ ११, सीतामुख वन ।
२६२३
कुल १००००० २ योजन द्वार:-१ लाख योजन के लम्बे चौड़े जम्ब द्वीप के एक २ योजन के १० अबज खण्ड हो सकते हैं । जो १ योजन सम चौरस जितने खण्ड करे तो ७:०-५६६४१५० खण्ड होकर ३५१५ धनुष्य और ६० आंगुल क्षेत्र बाकी बचे ।
३ वासा द्वार:-मनुष्य के रहने वास ७ तथा १० हैं कर्म भूमि के मनुष्यों का ३ क्षेत्र-भरत, ऐरावर्त और महाविदेह अकर्म भूमि मनुष्यों का ४ क्षेत्र-हेमवाय, हिरणवाय, हरिवास, रम्यवास एवं सात १० गिनने होवे तो महाविदेह क्षेत्र के ४ भाग कग्ना-[१] पूर्व महाविदेह [२] पश्चिम महाविदेह [३] देव कुरु [४] उत्तर कुरु एवं १० । ___ जगति [कोट] ८ योजन ऊँचा और चौड़ा मूल में १२, मध्य में ८ और ऊपर ४ योजन का है । सारा वज्र रत्न मय है । कोट के एक के एक तरफ झरोखे की लाइन है जो ०॥ योजन ऊंची, ५०० धनुष्य चोड़ी है कोषीशा और कांगरा रत्न मय है।
जगति के ऊपर मध्य में पद्मवर वेदिका है जो ॥
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org