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बड़ा बांसठोया।
( ३२७ )
श्रभाषक में-जीव का भेद १०-इन्द्रिय, विहन्द्रिय चौरिन्द्रिय, असंज्ञी पंचेन्द्रिय एवं चार के पर्याप्त छोड़ कर, मुण स्थानक ५-१, २, ४, १३, १४, योग ५.२ औदारिक का २ वैक्रिय का, १ कार्मण का उपयोग ११-मनः पर्यव ज्ञान का छोड़ कर, लेश्या ६।
भाषक प्रमुख दो बोल में रहे हुवे जीवों का अल्प बहुत्व।
१६ परित द्वार परित में-जीव के भेद १४, गुण स्थानक १४, योग १५, उपयोग १२ लेश्या ६।।
२ अपरित में-जीव का भेद १४, गुण स्थानक १ पहेला, योग १३ आहारिक के दो छोड़ कर, उपयोग ६ ३ अज्ञान ३.दर्शन, लेश्या ६।
३ नो पति नो अपरित में-जीव का भेद नहीं गुण स्थानक नहीं, योग नहीं, उपयोग २ केवल के लश्या नहीं।
परित प्रमुख तीन बोल में रहे हुवे जीवों का अल्प बहुत्व।
१ सर्व से कम परित २ इससे नो परित नो अपरित अनन्त गुणा ३ इससे अपरित अनन्त गुणा ।
१७ पर्याप्त द्वार १ पर्याप्त में जीव का भेद ७, गुण स्थानक १४ योग १५, उपयोग १२, लेश्या ६।
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