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थोकडा संग्रह।
प्रमुख से टकरा कर फूट जावे वैसे एकेक श्रोता सद्गुरु की सभा में व्याख्यान सुनने को बैठे परन्तु ऊंघ प्रमुख के चोग से ज्ञान रूप पानी हृदय में आवे नहीं तथा अत्यन्त ऊंघ के प्रभाव से खराब डाल रूप वायु से अथड़ावे (टक्कर खावे ) जिससे सभा में अपमान प्रमुख पाव तथा ऊंघ में पड़ने से अपने शरीर को नुकसान पहुंचाव।।
इति पाठ घड़े के दृष्टान्त रूप दूसरे प्रकार का श्रोता का स्वरूप ।
३ चालणी-एकेक श्रोता चालणी के समान है। इस के दो प्रकार, एक प्रकार ऐसा है कि चालनी जब पानी में रक्खे तो पानी से सम्पूर्ण भरी हुई दीखे परन्तु उठा कर देखे तो खाली दीखे वैसा एकेक श्रोता व्याख्यानादि सभा में सुनने को बैठे तो वैराग्यादि भावना से भरे हुवे दीखें परन्तु सभा से उठ कर बाहर जावें तो वैराग्य रूप पानी किंचित् भी दीखे नहीं। ऐसे श्रोता छांडने योग्य हैं।
दूसरा प्रकार-चालनी गेहूँ प्रमुख का आटा चालने से आटा तो निकल जाता है परन्तु कङ्कर प्रमुख कचरावव रह जाता है वैसे एकेक श्रोता व्याख्यानादि सुनते समय उपदेशक तथा सूत्र के गुण तो निकाल देवे परन्तु स्खलना प्रमुख अवगुण रूप कचरे को ग्रहण कर रक्खे । ऐसे श्रोता छोड़ने योग्य है।
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