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थोकडा संग्रह।
पने, जो जो घटे वे वे ( पुद्गल परावर्च ) किये व करेंगे एवं २४ दण्डक में बहुत से जीवों ने पुद्गल परावर्त सात सात किये पूर्व अनुसार इसके भी ४०३२ प्रश्न होते हैं ।
३ किस किस दण्डक में पुद्गल परावर्त किये-- सर्व जीवों ने पांच एकेन्द्रिय, तीन विकलेन्द्रिय, तिथंच पंचेन्द्रिय व मनुष्य इन दश दण्डक में औदारिक पुद्गल परावत्त अनन्त अनन्त वार किये १ नेरिये १० भवनपति १२ वायु काय, १३ संज्ञी तिथंच पंचेन्द्रिय पर्याप्त, १४ संज्ञी मनुष्य पर्याप्त, १५ वाण व्यन्तर, १६ ज्योतिषी १७ वैमानिक । इन १७ दण्डक में सर्व जीवों ने वैक्रिय पुद्गल परवत अनन्त वार किये । २४ दण्डक में तैजस् पुद्गल परावर्त, कार्मण पुद्गल परावर्त सर्व जीकों ने अनन्त अनन्त वार किये १४ नेरिया व देवता का दण्डक, १५ संज्ञी तियेच पंचन्द्रिय, १६ संज्ञी मनुष्य । एवं १६ दण्डक में सर्व जीवों ने मन पुद्गल परावर्त अनन्त अनन्त वार किये।
पांच एकेन्द्रिय को छोड़कर १६ दण्डक में सर्द जीवों ने वचन पुद्गल परावर्त अनन्त किये एवं १३४ प्रश्न होते हैं तीनों ही स्थानक में ८१६८ प्रश्न होते हैं ।
॥ इति त्रिस्थानक द्वार ॥ ५ काल द्वार-अनन्त उत्सर्पिणी अनन्त अवसर्पिणी व्यतीत होवे तब जाकर कहीं एक औदारिक पुद्गल परावर्त होता है इसा प्रकार वैक्रिय पुद्गल परावर्त इतना ही समय
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