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( ४१८)
थोकडा संग्रह।
ज० एकवीश पक्ष में उ० बावीश पक्ष में पहली त्रिक का ज. बावीश पक्ष में उ० पच्चीश पक्ष में दूसरी त्रिक का ज० पच्चीश पक्ष में उ० अठावीश पक्ष में तीसरी त्रिक का ज. अठावीश पक्ष में उ० एकतीश पक्ष में, चार अनुत्तर विमान का ज० एकतीश पक्ष में उ० तेंतीश पक्ष में सर्वार्थ सिद्ध का ज० और उ० तेतीश पक्ष में एवं ३३ पक्ष में श्वास ऊँचा लेते हैं और ३३ पक्ष में श्वास नीचे छोड़ते हैं।
॥ इति श्वासोश्वास सम्पूर्ण ।।
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