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श्रस्वाध्याय ।
अस्वाध्याय
आकाश की दश अस्वाध्याय ।
१ तारा आकाश से गिरे २ चार ही दिशा लाल होवे ३ काल गर्जना हो ४ अकाल में बिजली गिरे ५ अकाल में कड़क होवे ६ दूज के चन्द्रमा की ७ यक्ष का चिह्न होवे ८ ओले गिरे ६ धूंधल गिरे १० ओस गिरे इन सब में स्वाध्याय होती है ।
( ४१६ )
श्रदारिक शरीर की दश अस्वाध्याय ।
१ तत्काल की लीली (नीली) हड्डी गिरी हो २ मांस पड़ा हो ३ खून गिरा हो ४ विष्टा ( मल ) उलटी पड़ी हो ५ मुर्दा ( लाश ) जलता हो ६ चन्द्र ग्रहण हो ७ सूर्य ग्रहण हो ८ बड़ा राजा मरे ६ संग्राम चले १० पंचेन्द्रिय का प्राण रहित शरीर पड़ा हो इन सब में स्वाध्याय होती है ।
काल की १६ अस्वाध्याय
( १ ) चैत्र शुक्ला पूर्णिमा ( २ ) वैशाख कृष्ण प्रतिपदा (३) आषाढ शुक्ल पूर्णिमां ( ४ ) श्रावण कृष्ण प्रतिपदा (५) भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमां ( ६ ) श्रश्विन कृष्ण प्रतिपदा (७) आश्विन शुक्ल पूणिमां ( ८ ) कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा ( ६ ) कार्तिक शुक्ल पूर्णिमां (१०) मार्गशीर्ष कृष्ण
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