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बड़ा बांठीया ।
( ३३१ )
का गुण स्थानक २, १ ला व ४ था, योग ११, ४ मन के ४ वचन के २ औदारिक के १ कार्मण का उपयोग ६ २ ज्ञान का, २ अज्ञान का व २ दर्शन का लेश्या ४
प्रथम ।
४ संज्ञी तिर्यंच पंचेन्द्रिय में जीव का भेद २, ११ वाँ व १२ वाँ, गुण स्थानक २ - ( १-२ ), योग ४ २ औदारिक का १ व्यवहार वचन व १ कार्मण का, उपयोग ६-२ ज्ञान २ अज्ञान २ दर्शन लेश्या ३ प्रथम ।
५ श्रसंज्ञी मनुष्य में - जीव का भेद १-११ वाँ, गुण स्थानक १ पहेला, योग ३,२ औदारिक का, १ कार्मण का उपयोग ३,२ अज्ञान १ चक्षु दर्शन, लेश्या
३ प्रथम ।
वीतराग प्रमुख पांच बोल में रहे हुवे जीवों का अल्प बहुत्व |
सर्व से कम युगल २ इससे असंज्ञी मनुष्य असंख्यात गुणा ३ इससे असंज्ञी तिच पंचेन्द्रिय असंख्यात गुणा ४ इससे वीतरागी अनन्त गुणा ५ इससे समुच्चय केवली विशेषाधिक ।
गुण स्थानक
१ मिथ्यात्व में - जीव का भेद १४, गुणस्थानक १ पहेला, योग १३ श्राहारिक दो छोड़कर, उपयोग ६ - ३ अज्ञान ३ दर्शन, लेश्या ६ ।
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