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थोकडा संग्रह।
४-५ तेजस्, कार्मण शरीर की अवगाहना जघन्य अंगुल के असंख्यातवें भाग उत्कृष्ट चौदह राज लोक प्रमाण ।
पुद्गल चयन द्वार । (आहार कितनी दिशाओं का लेवे)
औदारिक, तेजस्, कार्मण शरीर वाला तीन चार पांच यावत् छै दिशाओं का आहार लेवे ।
वैक्रिय और आहारिक शरीर वाला छः दिशाओं का लेवे।
७ संयोजन द्वार। १ औदारिक शरीर में आहारिक वैक्रिय की भजना ( होवे और नहीं भी होवे ), तेजम् कार्मण की नियमा ( जरूर होवे)।
२ वैक्रिय शरीर में औदारिक की भजना, आहारिक नहीं होवे व तैजस कार्मण की नियमा।
३ श्राहारिक शरीर में वैक्रिय नहीं होवे, औदारिक, तेजस्, कामण होवे। . ४ तेजस् शरीर में औदारिक, वैक्रिय पाहारिक की भजना तैजस की नियमा । ..... ५ कार्मण शरीर में औदारिक, वैक्रिय आहारिक की भजना तैजस की नियमा।
८व्यार्थक द्वार। १ सर्व से थोड़ा आहारिक का द्रव्य जघन्य १.२.३
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