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पांच शरीर ।
( २६७)
उत्कृष्ट पृथक हजार । इससे वैक्रिय के द्रव्य असंख्यात गुणा इससे औदारिक के द्रव्य असंख्यात गुणा इससे तैजस कार्मण के द्रव्य-ये दोनों परस्पर बराबर व औदारिक से अनंत गुणा अधिक।
प्रदेशार्थक द्वार।। १ सर्व से थोड़ा माहारिक का प्रदेश इससे क्रिय का प्रदेश असंख्यात गुणा इस से औदारिक का असंख्यात गुणा इस से तैजस का अनंत गुणा व इस से कार्मण का अनंत गुणा अधिक।
१० द्रव्यार्थक प्रदेशार्थक द्वार । सर्व से थोड़ा पाहारिक का द्रव्यार्थ इस से वैक्रिय का द्रव्यार्थ असंख्यात गुणा उससे औदारिक का द्रव्यार्थ असंख्यात गुणा इस से पाहारिक का प्रदेश असंख्यात गुणा इस से वैक्रिय का प्रदश असंख्यात गुणा इस से
औदारिक का प्रदेश असंख्यात गुणा इस से तेजस् , कामण इन दोनों का द्रव्यार्थ परस्पर समान व औदारिक से अनन्त गुणा अधिक इस से तेजस् का प्रदेश अनन्त गुणा अधिक इस से कामण का प्रदेश अनन्त गुणा अधिक।
११ सूक्ष्म द्वार । १ सर्व से स्थूल ( मोटे ) औदारिक शरीर के पुद्गल इस से वैक्रिय शमीर के पुदगल मूक्ष्म इस से
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