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र २५०)
थोकडा संग्रह।
नंदी सूत्र में पांच ज्ञान का विवेचन १ ज्ञेय २ ज्ञान ३ ज्ञानी का अर्थ ।
१ ज्ञेय-जानने योग्य पदार्थ २ ज्ञान-जीव का उपयोग, जीव का लक्षण, जीव के गुण का जान पना वो ज्ञान ३ ज्ञानी-जो जाने-जानने वाला जीव--असंख्यात प्रदेशी आत्मा वो ज्ञानी।
१ ज्ञान का विशेष अर्थ १ जिससे वस्तु का जानपना होवे । २ जिसके द्वारा वस्तु की जान कारी होवे । ३ जिसकी सहायता से वस्तु की जानकारी होवे । ४ जानना सो ज्ञान ।
ज्ञान के भेद ज्ञान के पांच भेद १ मति ज्ञान २ श्रुत ज्ञान ३ अवधि ज्ञान ४ मनः पर्वव ज्ञान ५ केवल ज्ञान ।
मति ज्ञान के दो भेद १ सामान्य २ विशेष--१ सामान्य प्रकार का ज्ञान सो मति २ विशेष प्रकार का ज्ञान सो मति ज्ञान और विशेष प्रकार का अज्ञान सो मति अज्ञान । सम्यक् दृष्टि की मति वो मति ज्ञान और मिथ्या दृष्टि की मति सो मति अज्ञान ।
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