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पांच ज्ञान का विवेचन ।
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जाते हैं तो भी एक श्रेणी पूरी (पूर्ण) न होवे । इस प्रकार क्षत्र सूक्ष्म है । इससे द्रव्य अनन्त गुणा सूक्ष्म है। एक अंगुल प्रमाण क्षेत्र में असंख्यात श्रेणिये हैं अंगुल प्रमाण लम्बी व एक प्रदेश प्रमाण जाडी में असंख्यात
आकाश प्रदेश हैं । एक एक आकाश प्रदेश ऊपर अनन्त परमाणु तथा द्विप्रदेशी, त्रिप्रदेशी, अनन्त प्रदशी यावत् स्कन्ध प्रमुख द्रव्य हैं । इन द्रव्यों में से समय समय एक एक द्रव्य का अपहरण करने में अनन्त काल चक्र लग जाते हैं तो भी द्रव्य खतम नहीं होते द्रव्य से भाव अनन्त गुणा सूक्ष्म है । पूर्वोक्त श्रेणी में जो द्रव्य कहे हैं उनमें से एक एक द्रव्य में अनन्त पर्यव (भाव) है एक परमाणु में एक वर्ण, एक गन्ध, एक रस, दो स्पर्श हैं। जिनमें एक वर्ष में अनन्त पर्यव हैं । यह एक गुण काला, द्विगुण काला, त्रिगुण काला यावत् अनन्त गुण काला है इस प्रकार पांचों बोल में अनन्त पर्यव हैं एवं पांच वर्ण में, दो गन्ध, पांच रस, व आठ स्पर्श में अनन्त पर्याय हैं । द्विप्रदेशी स्कन्ध में २ वर्ण, २ गन्ध, २ रस, ४ स्पर्श हैं इन दश भेदों में भी पूर्वोक्त रीति से अनन्त पर्यव हैं, इस प्रकार सर्व द्रव्य में पर्यव की भावना करना, एवं सर्व द्रव्य के पर्यव इकहे करके समय समय एकेक पर्यव का अपहरण करने में अनन्त काल चक्र ( उत्सर्पिणी अवसर्पिणी) बीत जाने पर परमाणु द्रव्य के पर्यव पूरे होते हैं एवं द्वि
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