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पांच ज्ञान का विवेचन |
( २७७ )
३ वर्गणा मन:- यह नारकी व अनुत्तर विमान वामी देवों के सिवाय दुसरे देवों को होता है । ४ पर्याय मन:- यह मनः पर्यत्र ज्ञानी को होता है मनः पर्यव ज्ञान किस को उत्पन्न होता है ? १ मनुष्य को उत्पन्न होवे, अमनुष्य को नहीं । २ संज्ञी मनुष्य को उत्पन्न होवे श्रसंज्ञी मनुष्य को नहीं ।
३ कर्म भूमि संज्ञी मनुष्य को उत्पन्न होवे अकर्म भूमि संज्ञी मनुष्य को नहीं ।
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४ कर्म भूमि में संख्याता वर्ष का आयुष्य वाला को उत्पन्न होवे परन्तु असंख्याता वर्ष का आयुष्य वाला को उत्पन्न नहीं होवे ।
५ संख्याता वर्ष का आयुष्य में पर्याप्त को उत्पन्न होवे पर्याप्त को नहीं ।
६ पर्याप्त में भी समदृष्टि को उत्पन्न होवे मिथ्यादृष्टि व मिश्र दृष्टि को नहीं होवे ।
७ समदृष्टि में भी संयति को उत्पन्न होवे परन्तु अती समदृष्टि व देश व्रती वाले को नहीं उत्पन्न होवे | ८ संयति में भी अप्रमत संयति को उत्पन्न होवे प्रमत्त संयति को नहीं होवे |
६ मत संयति में भी लब्धिवान को उत्पन्न होवे अलब्धिवान को नहीं ।
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