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थोकडा संग्रह।
( १७२)
* दश द्वार के जीव स्थानक
गाथा:
'जीवठाण, 'लहरु णं, 'टिई, "किरिया, 'कम्मसत्ताअ, 'बंध उदीरण उदअ 'निज्जरा "छभाव दश दारात्र ।।
अर्थः-दश द्वार के नाम:-१ चौदह जीव स्थानक के नाम २ लक्षण द्वार ३ स्थिति द्वार ४ क्रिया द्वार ५ कर्म सत्ता द्वार ६ कर्म बंध द्वार ७ कर्म उद्दीर्ण द्वार ८ कर्म उदय द्वार ६ कर्म निर्जरा द्वार १० छे भाव द्वार ।
दश द्वार का विस्तार। (१) नाम द्वार:-चौदह जीव स्थानक के नाम१ मिथ्यात्व जीव स्थानक २ सास्वादान जीव स्थानक ३ सम मिथ्यात्व ( मिश्र) दृष्टि जीव स्थनाक ४ अवति सम दृष्टि जीव स्थानक ५ देश व्रति जीव स्थानक ६ प्रमत्त संयति जीव स्थानक ७ अप्रमत्त संयति जीव स्थानक ८ निवर्ती बादर जीव स्थानक ६ अनिवर्ती बादर जीव स्थानक १० सूक्ष्म संपराय जीव स्थानक ११ उपसम मोहनीय जीव स्थानक १२ क्षीण मोहनीय जीव स्थानक १३ सयोगी केवली जीव स्थानक १४ अयोगी केवली जीव स्थानक।
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