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थोकडा संग्रह। श्रेणी करके गिरे नहीं) उत्कृष्ट अर्द्धपुद्गल में देश न्यून, बारहवे, तेरहवें और चौदहवें गुण० अन्तर नहीं पड़े।
५ ध्यान द्वार:-पहेले, दूसरे, तीसरे, गुण०२ ध्यान (पहेला) चोथे, पांचवे गुण०३ ध्यान,छठे गुण० २ ध्यान १ आत्ते ध्यान २ धर्म ध्यान । सातवें गुण० १ धर्म ध्यान आठवें से चौदहवें गुण० तक १ शुक्ल ध्यान ।
६ फरसना द्वार:-पहेले गुण०१४ राज लोक फरसे, ( स्पर्श) दूसरे गुण नीचले पंडग वन से छठी नरक तक फरशे तथा ऊँचा अधोगाम की विजय से नवग्रीयवेक तक फरसो, तीसरे गुण लोक के असंख्यातवें भाग फरसे । चौथा गुण अधोगाम की विजय से बारहवें देव लोक तक फरसे अथवा पंडग वन से छठे नरक तक फरसे, पांचवाँ गुण इसी प्रकार अधोगाम की विजय से बारहवें देवलोक तक फरसे। छठे से इग्यारहवें गुणतक अधोगाम की विजय से ५ अनुत्तर विमान तक फरसे । बारहवां गुण लोक का असंख्यातवा भाग फरसे । तेरहवां गुण. सर्व लोक फरसे। चौदहवां गुण. लोक का असंख्यातवां भाग फरसे।
तिर्थकर गोत्र ४ गुण० बान्धेः-चोथे, पांचवें, छठे और सातवें एवं ४ गुण० बांधे शेष गुण नहीं बांधे, तिर्थकर देव ६ गुण० फरसे-४, ६, ७, ८, ९, १०, १२, १३, १४, एवं नव फरसे।
८वां शाश्वता शावत द्वारः-१४ गुण में १,
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