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भो कडा संग्रह।
देह मान एक हाथ का, आयुष्य २० वर्ष का उतरते आरे मूठ कम एक हाथ का व आयुष्य १६ वर्ष का रह जावेगा। इस बारे में संघयन एक सेवात,संस्थान एक हूंडक उतरते
आरे भी ऐसा ही जानना । मनुष्य के शरीर में आठ पंस. लिये व उतरते आरे केवल चार पंसलिये रह जावेगी । इस बारे में छः वर्ष की स्त्री गर्भ धारण करने लग जावेगी व कुती के समान परिवार के साथ विचरेगी । गङ्गा सिन्धु नदी का ६२॥ योजन का पट है जिनमें से रथ के चक्र समान थोड़ा पाट व गाड़े की धूरी डूबे इतना गहरा जल रह जायगा जिनमें मत्स कच्छ आदि जीव जन्तु विशेष रहेंगे । ७२ बिल के अन्दर रहने वाले मनुष्य संध्या तथा प्रभात के समय उन मत्स कच्छ आदि जीवों को जल से बाहार निकाल कर नदी के किनारे रेत में गाढ कर रख देंगे वे जीव सूर्य की तेजी व उग्र शरदी से भुना जावेंगे जिनका मनुष्य आहार करलेवेंगे इनके चमड़े व हड्डियों को चाट कर तिथंच अपना निर्वाह करेंगे । मनुष्यों के मस्तक की खोपड़ी में जल लाकर मनुष्य पीवेंगे। इस प्रकार २१००० वर्ष पूर्ण होवेंगे जो मनुष्य दान पुन्य रहित, नमोकार रहित व्रत प्रत्याख्यान रहित होवेंगे केवल वे ही इस बारे में आकर उत्पन्न होवेंगे।
ऐसा जान कर जो जीव जैन धर्म पालेगा तथा जैन
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